प्राचीन संस्कृत साहित्य में ‘प्रागज्योतिष’ और ‘कामरूपा’ दोनों नामों का उपयोग प्राचीन असम के लिए पदनाम के रूप में किया गया था। इसकी प्राचीनता इस तथ्य से स्थापित की जा सकती है कि इसका उल्लेख दो महान महाकाव्यों- महाभारत और रामायण और पुराणों में भी किया गया है।