जॉर्ज पंचम की नाक
Chapter 2
1. सरकारी तंत्र में जॉर्ज पंचम की नाक लगाने को लेकर जो चिंता या बदहवासी दिखाई देती है वह उनकी किस मानसिकता को दर्शाती है।
उत्तरः सरकारी तंत्र में जॉर्ज पंचम की नाक लगाने को लेकर जो चिंता या बदहवासी दिखाई देती है वह उनकी गुलामी और औपनिवेशिक मानसिकता को दर्शाती है।
2. रानी एलिजाबेथ के दरजी की परेशानी का क्या कारण था? उसकी परेशानी को आप किस तरह तर्कसंगत ठहराएँगे?
उत्तरः रानी एलिजाबेथ के दरजी की परेशानी का कारण था की वह हिंदुस्तान में जाकर भारत-पाकिस्तान और नेपाल में जाकर क्या पेहनेगी यही सोचकर दर्जी परेशान हो रहा था।
वह रानी हैं अगर उन्हें कपड़े थिक नही लगे तो वह दर्जी को सजा दे सकती हैं
3. ‘और देखते ही देखते नयी दिल्ली का काया पलट होने लगा’-नयी दिल्ली के काया पलट के लिए क्या-क्या प्रयत्न किए गए होंगे?
उत्तरः दिल्ली के इमारतों ने नाजनानों की तरह श्रृंगार किया, फ़ोटोग्राफ़रों की फौज तैयार हो गयी। खबर आने लगी रानी नीले रंग के एक सूट पहनके आएंगी।
4. आज की पत्रकारिता में चर्चित हस्तियों के पहनावे और खान-पान संबंधी आदतों आदि के वर्णन का दौर चल पड़ा है–
(क) इस प्रकार की पत्रकारिता के बारे में आपके क्या विचार हैं?
उत्तरः इस प्रकार के पत्रकारिता के बारे में हमारे विचार यह हैं कि इस तरह की खबर छापने की जरुरत नहीं हैं। इससे समाज का लाभ नही हो सकता।
(ख) इस तरह की पत्रकारिता आम जनता विशेषकर युवा पीढ़ी पर क्या प्रभाव डालती है?
उत्तरः इस तरह की पत्रकारिता आम जनता विशेषकर युवा पीढ़ी पर यह प्रभाव डालता हैं कि – कुछ चीजें युवा पीढ़ी खाकर ुनका जीवन बरबाद हो सकता हैं।
5. जॉर्ज पंचम की लाट की नाक को पुनः लगाने के लिए मूर्तिकार ने क्या-क्या यत्न किए?
उत्तरः जॉर्ज पंचम की नाट की नाक को पुनः लगाने के लिए मूर्तिकार ने
हिन्दुस्तान के पहाड़ी प्रदेशों में जाकर पत्थर खोजने लगा।
वह बंबई गया जर्ज पंचम की तरह एक नाक ढुनने।
बड़े-बड़े महान संतों की नाक का नाप लिया।
सेक्रेटरिएट के सामने शहीद होने वाले बच्चों के नाक के नाप लेने के लिए गया।
6. प्रस्तुत कहानी में जगह-जगह कुछ ऐसे कथन आए हैं जो मौजूदा व्यवस्था पर करारी चोट करते हैं। उदाहरण के लिए ‘फाइलें सब कुछ हज़म कर चुकी हैं।’ ‘सब हुक्कामों ने एक दूसरे की तरफ़ ताका।’ पाठ में आए ऐसे अन्य कथन छाँटकर लिखिए।
उत्तरः प्रस्तुत कहानी में जगह-जगह कुछ ऐसे कथन आए हैं जो मौजूदा व्यवस्था पर करारी चोट करते हैं। उदाहरण के लिए ‘फाइलें सब कुछ हज़म कर चुकी हैं।’ ‘सब हुक्कामों ने एक दूसरे की तरफ़ ताका। पाठ में आए ऐसे अन्य कुछ कथन हैं-
क) सड़के जवान हो गयी, बुढ़ापे की धूल साफ हो गयी।
ख) शंख इंग्लैण्ड में बज रहा था,गूँज हिन्दुस्तान में आ रही थी।
ग) चालीस करोड़ में से कोई एक ज़िंदा नाक काटकर लगा दी जाए।
7. नाकचालीस करोड़ में से कोई एक ज़िंदा नाक काटकर लगा दी जाए। मान-सम्मान व प्रतिष्ठा का द्योतक है। यह बात पूरी व्यंग्य रचना में किस तरह उभरकर आई है? लिखिए।
उत्तरः नाकचालीस करोड़ में से कोई एक ज़िंदा नाक काटकर लगा दी जाए। मान-सम्मान व प्रतिष्ठा का द्योतक है।
यह बात पूरी व्यंग्य रचना में ऐसे उभरकर आई हैं रानी एलिज़ाबेथ हिन्दुस्तान में आइ थी। तब जर्ज पंचम की नाक नही थी । अगर जॉर्ज पंचम की नाक न हो तो हमारी नाक कट जाएगी।
8. जॉर्ज पंचम की लाट पर किसी भी भारतीय नेता, यहाँ तक कि भारतीय बच्चे की नाक फिट न होने की बात से लेखक किस ओर संकेत करना चाहता है।
उत्तरः जॉर्ज पंचम की लाट पर किसी भी भारतीय नेता, यँहा तक कि भारतीय बच्चे की नाक फिट न होने की बात से लेखक यह संकेट देना चाहता था कि देश के शहीदों और बच्चे की तुलना में जॉर्ज पंचम का सम्मान नही हैं।
9. अखबारों ने ज़िंदा नाक लगने की खबर को किस तरह से प्रस्तुत किया?
उत्तरः अखबारों ने जिंदा नाक लगने की खबर इस तरह प्रस्तुत किया कि – जॉर्ज पंचम की नाक मिल चुकी हैं। और उस नाक को इंदिया गेट के सामने लगाया गया हैं।
10. “नयी दिल्ली में सब था….. सिर्फ़ नाक नहीं थी।” इस कथन के माध्यम से लेखक क्या कहना चाहता है?
उत्तरः नयी दिल्ली में सब था लेकिन नाक नही थी। इस कथन के माध्यम से लेखक यह कहना चाहते है कि – भारत में ब्रिटिश का सम्मान करना हैं।
11. जॉर्ज पंचम की नाक लगने वाली खबर के दिन अखबार चुप क्यों थे?
उत्तरः जॉर्ज पंचम की नाक लगने वाली खबर के दिन अखबार चुप थे क्योंकि वह नाक जिंदा थी। उस दिन कोई फिता नही काटे गए। कोई सार्वजनिन सभा नहीं हुई थी। किसीका अभिनंदन नही हुआ। कोई मानपत्र नही दिए गए। किसी का चित्र नही छपा।