1. रामस्बरूप और गाेपाल प्रसाद बात-बात पर “एक हमारा जमाना था” कहकर आपने समय की तुलना वर्तमान समय से करते हैं। इस प्रकार की तुलना करना कहाँ तक तर्कसंगत है?
उत्तरः रामस्बरूप और गाेपाल प्रसाद बात-बात पर “एक हमारा जमाना था” कहकर आपने समय की तुलना वर्तमान समय से करते हैं। इस प्रकार की तुलना करना तर्कसंगत नहीं हैं क्योंकि- समय के साथ समाज में, जलवायु में, खान-पान में सब में परिवर्तन होता रहता है।
2. रामस्बरूप का अपनी बेटी काे उच्च शिक्षा दिलवाना और विवाह के लिए छिपाना, य़ह बिराेधाभास उनकी किस बिवशता कै उजागर करता है?
उत्तरः रामस्बरूप का अपनी बेटी काे उच्च शिक्षा दिलवाना और विवाह के लिए छिपाना, य़ह बिराेधाभास उनकी किस बिवशता थी कि- लड़के वालों को सिर्फ दसवीं पास लड़की चाहिए थी
3. अपनी बेटी का रिश्ता तय करने के लिए रामस्वरूप उमा से जिस प्रकार के व्यवहार की अपेक्षा कर रहे हैं, वह उचित क्याें नही ं है?
उत्तरः अपनी बेटी का रिश्ता तय करने के लिए रामस्वरूप उमा से जिस प्रकार के व्यवहार की अपेक्षा कर रहे हैं, वह उचित नही हैं क्योंकि- लड़की कोई भेड़-बकरी, या किसीके हाथों की कठपुतली नही होती की कोई उसे नशा सकें।
4. गाेपाल प्रसाद विवाह काे ‘बिजनेस’ मानते हे और रामस्बरूप अपनी बेटी की ओच्च शिक्षा छिपाते हैं। क्या आप मानते हैं कि दाेनाें ही समान रुप से अपराधी है? अपने बिबाह लिखें।
उत्तरः गाेपाल प्रसाद विवाह काे ‘बिजनेस’ मानते हे और रामस्बरूप अपनी बेटी की ओच्च शिक्षा छिपाते हैं। हम यह बात मानते ही की दोनों ही समान रुप से अपराधी है, क्योंकि- शादी कराना एक धर्म का काम हैं , लेकिन उस काम को बिजनेस बनाना धर्म के खिलाफ हैं। और शादी के लिए अपनी बेटी के शिक्षित होने पर भी अशिक्षित कहना कोई अच्छी बात नही हैं।
5. “…आपकाे लाड़ले बेटे की रीड़ की हड्डी भी है या नहीं…” उमा इस कथन के माध्यम से शंकर की किन कमियाें की और संकेत करना चाहती है?
उत्तरः आपकाे लाड़ले बेटे की रीड़ की हड्डी भी है या नहीं ” उमा इस कथन के माध्यम से शंकर की कमियाें यह थी कि- वह लड़का लड़की के पीछे पीछे लड़की के हस्टल में पहुच गया था।
6. शंकर जैसे लड़के या उमा जैसी लड़की-समाज काे कैसे व्यक्तित्व जरुरत है? तर्क सहित उत्तर दीजिए।
उत्तरः समाज को शंकर जैसे लड़के की नही वल्कि उमा जैसी लड़कीयों की जरुरत हैं। क्योंकि जो अपने हक के लिए आवाज उठा सके वैसे व्यक्ति को ही समाज में रहना चाहिए। अपने लाभ के लिए दूसरों के अनिष्ट करें वैसे आदमी का समाज में कोई जरुरत नहीं हैं।
7. ‘रीढ़ की हड्डी’ शीर्षक की सर्थकता स्पष्ट कीजिए।
उत्तरः यह शीर्षक एकांकी की भावना को व्यक्त करने के लिए बिल्कुल सही है। इस शीर्षक में समाज की सड़ी-गली मानसिकता को व्यक्त किया गया है तथा उस पर प्रहार किया है। क्योंकि रीढ़ शरीर का मुख्य हिस्सा होता है, वही उसको सीधा रखने में मदद करता है। समाज में लड़कीयों की स्थान भी उची होनी चाहिए।
8. कथावस्तु के आधार पर आप किसे एकांकी का मुख्य पात्र मानते हैं और क्याें?
उत्तरः कथावस्तु के आधार पर हम उमा को एकांकी का मुख्य पात्र मानते हैं, क्योंकि- उमा ने लाभ के लिए अपना स्वीभीमान को नीचे झुकने नही दिया।
9. एकांकी के आधार पर रामस्वरूप और गाेपाल प्रसाद की चारित्रिक बिशेषताएँ बताइए।
उत्तरः रामस्वरुप एक ऐसा इंसान था जिसने अपनी लाभ के लिए अपनी बेटी को अशिक्षित तक बताया। और गोपाल प्रसाद को भी पढ़ी-लिखी बहु नही चाहिए थी।
10. इस एकांकी का क्या उद्देश्य है? लिखिए।
उत्तरः इस एकांकी का उद्देश्य यह हैं कि- लड़की को भी समाज में उची स्थान मिलनी चाहिए। और हमें अपने लाब के लिए अपना स्वाभीमान को बेचना नही चाहिए।
11. समाज में महिलाऔं कै उचित गरिमा दिलाने हेतु आप काैन-काैन से प्रयास कर सकते हैं?
उत्तरः समाज में महिलाऔं को उचित गरिमा दिलाने हितु हमें महिलाऔं को उचित शिक्षा देनी होगी। अपने हक के लिए लड़ना सीखाना होगा।