NCERT Class 9 Hindi Chapter 9 Question Answer। नज़ीर अकबराबादी (आदमी नामा )। Hindi Medium

1.निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-

(क) पहले छंद में कवि की दृष्टि आदमी के किन-किन रुपों का बखान करती है? क्रम से लिखिए।

उत्तर: पहले छंद में कहा गया हैं कि- बादशाह, भिखारी, मालदार आदमी या गरीब लोग सब चबाकर ही भोजन करते हैं। 

(ख) चारों छंदों  में कवि ने आदमी के सकारात्मक और नकारात्मक रुपों को परस्पर किन-किन  रुपों में रखा है?अपने शब्दों में स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: 

(ग) ‘आदमी नामा’ शीर्षक कविता के इन अंशों को पढ़कर आपके मन में मनुष्य के प्रति क्या धारणा बनती है?

उत्तर: आदमी नामा शीर्षक कविता के इन अंशों को पढ़कर मेरे मन में मनुष्य के प्रति यह धारणा बनती है कि- लोग अमीर हो गरीब, दीन हो या भिखाड़ी सब मुह से ही खाना खाते हैं। सब पेर से ही चलते हैं। सब के दो हाथ और दो पेर हैं। सब एक समान हैं, मंदिर में जाने का सबका अधिकार हैं। 

(घ) इस कविता का कौन-सा भाग आपको सबसे अच्छा लगा और क्यों?

उत्तर:  जिस भाग में मस्जिद बनानेवाले, मौलवी, नमाज पढ़ने वाले और मस्जिद के बाहर से जूते चुराने वाले का जिक्र हुआ है वह भाग मुझे सबसे अच्छा लगा।

(ङ) आदमी की प्रवृत्तियों का उल्लेख कीजिए।

उत्तर: आदमी का स्वभाव अच्छा और बुरा दोनो है। वह दूसरों के दु:खों का कारण भी होते है तो उन दुःखों का निवारण करनेवाला भी है। आदमी ही आदमी पर शासन करता है-आदेश देता है और मनचाहे ढंग से परेशान करता है।

2. निम्नलिखित अंशों की व्याख्या कीजिए-

(क) दुनिया में बादशाह है सो है वह भी आदमी 

       और मुफ़लिस-ओ-गदा है सो है वह भी आदमी

उत्तर: इस पंक्ति का अर्थ यह हैं कि-  दुनिया में जो बादशाह हैं वह भी इंसान ही हैं, और जो दीन-दुखिया, गरीब आदमी होते हैं, वह भी इंसान ही होते हैं।

(ख) अशराफ़ और कमीने से ले शाह ता वजी़र

       ये आदमी ही करते हैं सब कारे दिलपज़ीर

उत्तर: इस पंक्ति का अर्थ यह हैं कि 

3. निम्नलिखित में अभिव्यक्त वंग्य को स्पष्ट कीजिए-

(क) पढ़ते हैं आदमी ही कुरआन और नमाज़ यां

      और आदमी ही उनकी चुराते हैं जूतियाँ

     जो उनको ताड़ता है सो है वो भी आदमी

उत्तर: इस पंंक्ति का अर्थ यह हैं कि- जो आदमी नमाज पढ़ते हैं, या कुरान पढ़ते हैं, वह इंसान ही होता हैं। जो आदमी मंदिर में जुते चुढ़ाते हैं, वह भी इंसान ही होते हैं। जो आदमी उस चोर को देख रहा था वह भी इंसान ही था।

(ख) पगड़ी सी आदमी की उतारे है आदमी

       चिल्ला के आदमी को पुकारे है आदमी

      और सुनके दौड़ता है सो है भी आदमी

उत्तर: इस पंक्ति का अर्थ यह हैं कि- जिसने भी कोगों की पगड़ी उतारे वह भी इंसान हैं। जो किसीको चिल्लाकर बुलाये वह भी इंसान हैं। और जो बुलाने पर भाैग कर आए वह भी इंसान ही हैं।

5. निम्नलिखित  मुहावरों का प्रयोग वाक्य में कीजिए-

(क) टुकड़े चबाना

(ख) पगड़ी उतारना

(ग) मुरीद होना

(घ) जान वारना

(ङ) तेग मारना

उत्तर: (क) टुकड़े चबाना ः (थोड़ा सा खाना) – गरीब आदमी सुखे रोटी की टुकड़े चबाकर ही अपना और परिवार का पेट बरता हैं।

(ख) पगड़ी उतारना ः  (बेइज्जती करना)- राजा ने सबके सामने राम के पिता की पगड़ी उतारी।

(ग) मुरीद होनाः ( मोहित होना) – वह इतनी अच्छे बाते करती है, मैं उस पर मुरीद हो गया।

(घ) जान वारनाः ( बहुत प्यार करना) – राम अपने भाई रहीम पर अपना जान बारता हैं।

(ङ) तेग मारना (धर्मघट करना) – जिसका स्वभाव अच्छा नही है, वह दूसरो पर तेग मारता हैं।