1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए
(क) कविता को उन पंकितयों को लिखिए, जिनसे निम्नलिखित अर्थ का बोध होता है-
(i) सुखिया के बाहर जाने पर पिता का ह्रदय काँप उठता था।
(ii) पर्वत की चोटी पर स्थित मंदिर की अनुपम शोभा।
(iii) पुजारी से प्रसाद/फूल पाने पर सुखिया के पिता की मन:स्थिति।
(iv) पिता की वेदना और उसका पश्चाताप।
उत्तर: उपर दिए गए वाक्यों में से इस पंक्ति का बोध होता हैं।
बहुत रोकता था सुखिया को
‘न जा खेलने को बाहर’
नहीं खेलना रुकता उसका
नहीं ठहरती वह पल-भर।
मेरा ह्रदय काँप उठता था,
बाहर गई निहार उसे;
यहा मानाता था कि बचा लूँ
किसी भाँति इस बार उसे।
(ख) बीमार बच्ची ने क्या इच्छा प्रकट की?
उत्तरः बीमार बच्ची ने उसे देवी के चरण में रखा फूल प्रसाद के रुप में चाहिए।
(ग) सुखिया के पिता पर कौन-सा आरोप लगाकर उसे दंडित किया गया?
उत्तरः सुखिया के पिता पर यह आरोप लगाया था कि- उन्होनें मंदिर की पवित्रता नष्ट की और देवी माँ की अपमान किया।
(घ) जेल से छूटने के बाद सुखिया के पिता ने अपनी बच्ची को किस रुप में पाया?
उत्तरः जेल से छूटने के बाद सुखिया के पिता ने अपनी बच्ची को राख की ढेर की रुप में पाया। क्योंकि उसकी मौत हो चुकी थी।
(ङ) इस कविता का केंद्रीय भाव अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तरः इस कविता का केंद्रीय भाव यह है कि- इस समाज में किसीको भी अछूत नही मानना चाहिए। मंदिर में अछूत का प्रवेश बंध करना भी अनुचित हैं। मंदिर एक पवित्र स्थान है, जहाँ सब लोग आ सकते हैं। ऐसे सामाजिक विषमता को दूर करना ही उचित हैं।
(च) इस कविता में से कुछ भाषिक प्रतीकों/बिंबों को छाँटकर लिखिए-उदाहरणः अंधकार की छाया
(i)
(ii)
(iii)
(iv)
(v)
2. निम्नलिखित पंक्तियो का आशय स्पष्ट करते हुए उनका अर्थ-सौंदर्य बताइए-
(क) अविश्रांत बरसा करके भी
आँखें तनिक नहीं रीतीं
उत्तर: इस पंक्ति का आशय हैं कि- निरंतर रोने के बाद भी हमारी आँखें थकती नहीं हैं। उससे और आसू निकल सकते हैं। जो बरसात की बूदों की तरह बरसते हैं।
(ख) बुझी पड़ी थी चिता वहाँ पर
छाती धधक उठी मेरी
उत्तर: इस पंक्ति का आशय यह हैं कि- वहा पर कवि यानी सुखिया की चिता को आग लगा दिया था और वह चिता बुझ गयी थी। तो सुखिया के पिता मन ही मन पुरा हिल गये थे। उनकी एक लौटी बेटी थी वह भी मौत के गोद में सो गयी।
(ग) हाय! वही चुपचाप पड़ी थी
अटल शांति-सी धारण कर
उत्तर: इस पंक्ति का आशय यह हैं कि- मरने के बाद सुखिया बिलकुल शांत हो गयी थी। वह न आवाज कर रही थी, न हिल रही थी, सिर्फ चुपचाप पड़ी हुई थी।
(घ) पापी ने मंदिर में घुसकर
किया अनर्थ बड़ा भारी
उत्तर: इस पंक्ति का आशय यह हैं कि- जब सुखिया के पिता ने मंदिर में घुसकर माँता को भला-बुरा कहा, तो सब उसे पापी समझने लगे। उसने मंदिर में घुसकर बहुत बड़ा अपराध कर दिया हो।