सत्ता की साझेदारी
Chapter 1
1. आधुनिक लोकतांत्रिक व्यवस्थाआों में सत्ता की साझेदारी के अलग-अलग तरीके क्या हैं ? इनमें से प्रत्येक का एक उदाहरण भी दें ।
उत्तरः आधुनिक लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं में सत्ता की साझेदारी के अनेक रूप हो सकते हैं-
(i) शासन की विभिन्न अंग, जैसे विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच सत्ता का बँटवारा रहता है। विधायिका का काय कानून का निर्माण करना, कार्यपालिका का कार्य शासन का संचालन करना तथा न्यायपालिका का कार्य कानून का उल्लंघन करने वालों को दंड देन होता है। इसमें हर अंग एक-दूसरे पर अंकुश रखता है। इससे विभिन्न संस्थाओं के बीच सत्ता का संतुलन बना रहता है। उदाहरणस्वरूप कार्यपालिका पर विधायिका का नियंत्रण रहता है। न्यायपालिका की नियुक्ति कार्यपालिका करती है, परन्तु न्यायपालिका ही एकमात्र ऐसी संस्था है जो कार्यपालिका और विधायिका द्वारा बनाये गये कानूनों पर अंकुश रखती है।
(ii) सरकार के बीच भी विभिनन स्तरों पर सत्ता का बँटवारा हो सकता है, यथा-(क) संघ या केन्द्र सरकार, (ख) प्रांतीय सरकारें तथा (ग) स्थानीय निकाय की सरकारें जैसे-नगरपालिका, पंचायतें आदि । उदाहरणस्वरूप संपूर्ण देश का शासन केन्द्र सरकार द्वारा, प्रांतों का शासन प्रांतीय सरकारों द्वारा और स्थानीय निकायों का शासन नगरपालिकाओं और ग्राम पंचायतों द्वारा संचालित होता है।(iii) सत्ता का बँटवारा विभिन्न सामाजिक समूहों, जैसे कि भाषायी और धार्मिक समूहों के बीच भी हो सकता है। बेल्जियम में सामुदायिक सरकार इस व्यवस्था का एक अच्छा उदाहरण है।
2. भारतीय संदर्भ में सत्ता की हिस्सेदारी का एक उदाहरण देता हुए इसका एक युक्तिपरक और एक नैतिक कारण बताएँ ।
उत्तरः भारत में सत्ता का बाँटवारा सरकार के विभिन्न स्तरों के बीच हुआ है, जैसे-केंन्द्र सरकार, राज्य सरकार और स्थानीय सरकार ।
1) युक्तिपरक कारण- भारत एक घनी आबादि बाला देश है । पुरे दश के लिये एक ही सरकार के द्बारा कानून बनाना, शांति तथा व्यवस्था बनाना संभव नेहीं है। इसलिए सरकार को विभिन्न स्तरो में बाँट दिया है और उनके बीस कार्यीं का बँटवारा संविधान में लिखित रूप से कर दिया गया है, जिससे ये सरकारें बिना झगड़े देश के लोगों के हितों को ध्यान में रखकर शासन कर सकें ।
2) नैतिक कारण- लोकतंत्रीय देश में सत्ता का बँटवारा जरुरी है। यदी एक ही प्रकार की सरकार होगी तो वह निरंकुश हो जाएगी, ज्यादा से ज्यादा लोगों की भागीदारी शासन में नहीं हौ पाएगी जो कि लोकतंत्र के लिए जरूरि है। इसलिए भारत में विभिन्न स्तरों पर सरकारों का वर्गीकरण कर दिया गया है।
3. इस अध्याय को पढ़ने के बाद तीन छात्रों ने अलग-अलग निष्कर्ष निकाले। आप इनमें से किससे सहमत हैं और क्यों ? अपना जवाब करीब 50 शब्दों में दें ।
थम्मन-जिन समाजों में क्षेत्रीय , भाषायी और जातीय आधार पर विभाजन हो सिर्फ़ वहीं सत्ता की साझेदारी जरुरी है ।
मथाई- सत्ता की साझादारी सिर्फ़ ऐसे बड़े देशों के लिए उपयुक्त है जहाँ क्षेत्रीय विभाजन मौजुद जरुरी है ।
औसेफ- हर समाज में सत्ता की साझेदारी की जरुरत होती है भले ही वह छोटा हो या उसमें सामाजिक विभाजन न
हों ।
उत्तरः मैं औसेफ के निष्कर्ष से सहमत हूँ । हर समाज में सत्ता की साझेदारी की जरूरत होति है भले ही वह छोटा हो या उसमें सामाजिक विभाजन न हौ । क्योंकि सत्ता की साझेजारी वास्तव में लोकतंत्र की आत्मा है । लोकतंत्र का मतलब ही होता है कि जो लोग इस शासन व्यवस्था के अंतर्गत हैं उसके बीच सत्ता को बाँता जाए और ये लोग इसी दर्रे में रहें । वेध सरकार वही है जिसमें अपनी भागीदारि के माध्यम से सभी समुह शासन व्यवस्था से जुड़ते है।
4. बेल्जियम में ब्रूसेल्स के निकट स्थित शहर मर्चटेम के मेयर ने अपने यहां के स्कूलों में फेंच बोलने पर लगी रोक को सही बताया है। उन्होंने कहा कि इससे डच भाषा न बोलने वाले लोगों को इस फ्लोमिश शहर के लोंगों से जुड़ने में मदद मिलेगी । क्या आपको लगता है कि यह फ़ैसला बेल्जियम की सत्ता की साझेदारी की व्यवस्था की मूल भावना से मेल खाता है ? अपना जवाब करीब 50 शब्दों में लिखें।
उत्तरःमर्चटेम के मेयर द्वारा लिया गया फैसला बेल्जियम की सत्ता की साझेदारी की व्यवस्था से मेल नहीं खाता । फ्लेमिश क्षेत्र में जनसंख्या का 59% भाग डच बोलता है, शहर के स्कूलों में फ्रेंच बोलने पर प्रतिबंध लगाने से फ्रेंच तथा डच बोलने वाले लोग आपस में मिले-जुलेंगे नहीं तथा एक-दूसरे में अविश्वास तथा शंका की भावना पैदा होगी। यह प्रतिबंध क्षेत्रीय विभिन्नताओं तथा सांस्कृतिक विविधताओं की उपेक्षा करता है। यह सभी भाषाई समूहों को समायोजित करने तथा एक साथ रहने के लिए उचित वातावरण बनाने का विरोधी है। बल्कि यह प्रतिबंध गृह-युद्ध का आधार बनाता है तथा भाषाई स्तरों पर समुदायों का विभाजन करता है
5. नीचे दिए गए उद्धरण को गौर से पढ़े और इसमें सत्ता की साझेदारी के जो युक्तिपरक कारण बताए गए हैं उसमें से किसी एक का चुनाव करें।
” महात्मा गांधी के सपनों को साकर करने और अपने सविधान निर्मताओं की उम्मीदों को पूरा करने के लिए हमें पंचायतों को अधिकार देने की जरुरत है।पंचायती राज ही वास्तविक लोकतंत्र की स्थापना करता है।यह सत्ता उन लोंगों के हाथों में सौंपता है जिनके हाथों में इस होना चाहिए।भ्रष्टाचार कम करने और प्रशसनिक कुशलता को बढ़ाने का एक उपाय पंचायतों को अधिकार देना भी है। जब विकास की योजनाओं को बनाने और लागू करने में लोगों की भागीदारी होगीतो इन योजनाओं पर उनका नियंत्रण बढ़ेगा।इससे भ्रष्ट बिचौलियों को खत्म किया जा सकेगा । इस प्रकार पंचायती राज लोकतंत्र की नींव को मजबुत करेगा । ”
उत्तरः “महात्मा गांधी के सपनों को साकार करने और अपने संविधान निर्माताओं की उम्मीदों को पूरा करने के लिए हमें पंचायतों को अधिकार देने की जरूरत है। पंचायती राज ही वास्तविक लोकतंत्र की स्थापना करता है। यह सत्ता उन लोगों के हाथों में सौंपता है जिनके हाथों में इसे होना चाहिए। भ्रष्टाचार कम करने और प्रशासनिक कुशलता को बढ़ाने का एक उपाय पंचायतों को अधिकार देना भी है। जब विकास की योजनाओं को बनाने और लागू करने में लोगों की भागीदारी होगी तो इन योजनाओं पर उनका नियंत्रण बढ़ेगा। इससे भ्रष्ट बिचौलियों को खत्म किया जा सकेगा। इस प्रकार पंचायती राज लोकतंत्र की नींव को मजबूत करेगा।”
6. सत्ता के बँटवारे के पक्ष और विपक्ष में कइ तरह के तर्क दिए जाते हैं। इनमें से जोे तर्क सत्ता के बँटवारे के पक्ष में हैं उनकी पहचान करें और नीचे दिए गए कोड से अपने उत्तर का चुनाव करें ।
सत्ता कीू साझेदारी :
(क) विभिन समूदायों के बीज टकराव को कम करती है ।
(ख) पक्षपात का अंदेशा कम करती है ।
(ग) निर्णय लेने की प्रक्रिया को अटका देती है।
(घ) विविधताओं को अपनें में समेट लेती है।
(ङ) अस्थिरता और आपसी फूट को बढ़ाती है ।
(च) सत्ता में लोगों की भागीदारी बढ़ाती है।
(छ) देश की एकता को कमजोर करती है ।
(सा) क ख घ च (रे) क ग ङ च (गा) क ख घ छ (मा) ख ग घ छ
उत्तरः (सा) क, ख, घ, च ।
7. बेल्जियम और श्रीलंका की सत्ता में साझीदारी की व्यवस्था के बारे में निम्नलिखिल बयानों पर विचार करें:
(क) बेल्जियम में डच-भाषी बहुसंख्यकों ने फ्रेंच-भाषी अल्पसंखकों पर अपना प्रभुत्व जमाने का प्रयास किया ।
(ख) सरकार की नीतियों ने सिंहली-भाषी बहुख्यकों का प्रभुत्व बनाए रखने का प्रयास किया ।
(ग) अपनी संस्कृति और भाषा को बचाने तखा शिक्षा तथा रोजगार में समानता के अवसर के लिए श्रीलंका के तामिलों ने सत्ता को ढाँचे पर बाँटने की माँग की ।
(घ) बेल्जियम में एकात्मक सरकार की जगह संघीय शसन व्यवस्था लाकर मुल्क को भाषाके आधार पर टूटने से बचा लिया गया ।
ऊपर दिए गए बयानों में से कौन-से सही हैं?
(सा) क, ख, ग और घ के (रे) क, ख और घ (गा) ग और घ (मा) ख, ग और घ |
उत्तरः (मा) ख, ग, और घ ।
8. सूची I [ सत्ता के बँटवारे के स्वरुप ] और सूची 2 [शसन के स्वरुप ] में गेल कराँए और नीचे दिए कोड का उपयोग करते हुए सही जवाब दें :
सूची Iसूची II 1. सरकार के विभिन्न अंगों के बीच सत्ता का बँटवारा (क) सामुदायिक सरकार 2. विभिन्न स्तर की सरकारों के बीच अधिकारों का बँटवारा (ख) अधिकारों का वितरण 3. विभिन्न सामाजिक समूहों के बीच सत्ता की साझेदारी (ग) गठबंधन सरकार 4. दो या अधिक दलों के बीच सत्ता की साझेदारी (घ) संघीय सरकार
1 2 3 4 (सा) घ क ख ग (रे) ख ग घ क (गा) ख घ क ग (मा) ग घ क ख
उत्तरः (गा) ख, घ, क, ग ।
9. सत्ता की साझेदारी के बारे में निन्मलिखित दो बयानों पर गौर करें और नीचे दिए गए कोड के आधार पर जवाब दें :
(अ) सत्ता की साझेदारी लेकलंत्र के लिए लाभकर है।
(ब) इससे सामजिक समूहों में टकराव का अंदेशा घटता है ।
इस बयानों में कौन सही है और कौन गलत?
(क) अ सही है लेकिन ब गलत है। (ख) अ और ब दोंनों सही हैं। (ग) अ और ब दोंनों गलत हैं। (घ) अ गलत है लेकिन ब सही है।
अत्तरः (ख) अ और ब दोनों सही हैं ।