Chapter 11
मेरा नया बचपन
1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दो:
(क) बचपन में ऐसी कौन-सी विशेषता होती है, जिसकी बार-बार याद आती है?
उत्तर: बचपन में हमारा मन निर्भय तथा स्वच्छंद होता है। हमें किसी का भी भय नहीं होता। निर्भय मन से हम खाते, खेलते तथा उछल कूद करते हैं। बिना किसी स्वार्थ के हम सभी से दोस्ती करते हैं और उनके साथ मस्ती मजाक करते हैं। बचपन की यही खास विशेषताएं है जिसकी हमें बार-बार याद आती है।
(ख) कवियत्री क्यों चाहती है कि उनका बचपन फिर से लौट आए?
उत्तर: कवियत्री जब छोटी बच्ची थी तब वह अपने आंगन में बिना किसी भय के यहांँ वहांँ फिरा करती थी। तब उन्हें किसी बात की चिंता नहीं थी। दिनभर खेलती और भूख लगने पर मांँ उसे खाना खिला दीया करती थी। रोने पर मांँ उसे गोदी में उठाकर चूम चूमकर गीले गालों को सुखा दिया करती थी। बचपन का वह सरल जीवन जिसमें सिर्फ प्यार था, उसमें किसी प्रकार का छल या पाप नहीं था। बचपन की इन्हीं यादों को याद कर कवियत्री चाहती है कि उनका बचपन फिर से लौट आए।
(ग)’वह प्यारा जीवन निष्पाप’-का अर्थ स्पष्ट करो।
उत्तर: वह प्यारा जीवन निष्पाप इसका अर्थ यह है कि बचपन में हर एक बच्चे का दिल साफ और निर्मल होता है। बचपन का समय ही एक ऐसा समय है जिसमें न छल है न कपट वह बिल्कुल पाप से मुक्त होता है। अर्थात निस्पाप होता है।
(घ) ‘मेरा नया बचपन’ कविता के प्रतिपाद्य को स्पष्ट करो।
उत्तर: मेरा नया बचपन नामक कविता के माध्यम से सुभद्रा कुमारी चौहान ने अपनी बेटी के रूप में अपने ही बचपन को याद किया है। उनका कहना है कि उनको बचपन की वह मधुर स्मृति याद आ जाती है जब वह आंगन में खेला करती थी। मांँ के हाथों से खाना खाया करती थी, चिंता रहित निर्भय होकर यहांँ वहांँ फिरा करती थी। बचपन का वह अतुलित आनंद कवियत्री भुला नहीं सकती। इसीलिए बचपन को याद कर कवित्री बचपन को बुलाती है।
कवियत्री को फिर से बचपन जीने का अनुभव अपनी बेटी के रूप में प्राप्त हुआ। जो बचपन उनसे भाग गया था वह फिर से बच्ची के रूप में लौट आया। जब बच्ची मांँ को मिट्टी खिलाने आती है तब इस बात से खुश होकर कवियत्री भी बच्ची बन जाती है और उसके साथ खूब खेलती, उसकी तरह खाती तथा तुतलाती है। अतः कवियत्री कहना चाहती है कि बचपन का समय ही एक ऐसा समय होता है जिसमें न छल कपट होता है और न ही छुआछूत की भावना उत्पन्न होती है। वह बिलकुल निर्मल तथा निष्पाप होती है।
2. आशय स्पष्ट करो:
(क) बार बार आती है मुझको
मधुर याद बचपन तेरी।
गया ले गया तू जीवन की,
सबसे मस्त खुशी मेरी।
उत्तर: इसका आशय यह है कि सुभद्रा कुमारी चौहान अपने बचपन को याद कर बचपन से कहती है कि- है बचपन तेरी मधुर यादें मुझे बार-बार याद दिलाती है। बचपन का वह खेलना, खाना, उछल कूद करना, मांँ के द्वारा गोदी में उठाकर प्यार करना ऐसे अनेक स्मृतियांँ कवियत्री को बचपन का स्मरण करा जाती है। अब जब वह बड़ी हो चुकी है उन्होंने अपने जीवन की सबसे खुशी भरे पल को गवा दिया है। इसलिए कवियत्री बचपन को ही कहती है कि मेरी जीवन की सबसे मस्त भरी खुशी तू मेरे से ले गया।
(ख) मैं बचपन को बुला रही थी,
बोल उठी बिटिया मेरी,
नंदन-वन-फुल उठी,
यो छोटी सी कुटिया मेरी।
उत्तर: इसका आशय यह है कि जब कवियत्री अपने बचपन की यादों में खोकर अपने बचपन को बुला रही थी उसी समय उनकी बिटिया आकर ‘माँ ओ!’ कहकर पुकारने लगी। उसके पुकारने से कवियत्री की नंदन समान छोटी सी कुटिया फूल की तरह खिल उठा। उसके बुलाने से कवियित्री को ऐसा एहसास हुआ कि मानो उनका बचपन वापस लौट आया है।
3. निम्नलिखित कथनों में से सही विकल्प को चुनो:
(क) कवियत्री को बार-बार बचपन की याद आती है क्योंकि-
उत्तर: बचपन अतुलित आनंद का भंडार होता है।
(ख) बड़े-बड़े मोती से आंसू-
उत्तर: जयमाला पहनाते थे।
(ग) बचपन में रोने पर कवियत्री की मांँ-
उत्तर: उन्हें गोद में उठाकर खूब प्यार करती थी।
(घ) कवियत्री की बिटिया उन्हें क्या खिलाने आई थी?
उत्तर: मिट्टी
4. निम्नलिखित प्रश्नों के संक्षेप में उत्तर दो:
(क) ‘मेरा नया बचपन’ कविता की रचयिता कौन है?
उत्तर: सुभद्रा कुमारी चौहान।
(ख) कवियत्री किसे बुला रही थी?
उत्तर: कवियत्री अपने बचपन को बुला रही थी।
(ग) कवियत्री को नया जीवन किस रूप में प्राप्त हुआ?
उत्तर: कवियत्री को नया जीवन अपनी बिटिया की मंजुल मूर्ति देखकर प्राप्त हुआ।
(घ) कवियत्री को मिट्टी खिलाने कौन आई थी?
उत्तर: कवियत्री को मिट्टी खिलाने उनकी बिटिया आई थी।
(ङ) अपनी बिटिया की किस बात से कवियत्री बहुत खुश हुई?
उत्तर: बिटिया द्वारा अपनी मांँ को मिट्टी खिलाने की बात से कवियत्री बहुत खुश हुई।
(च) कवियत्री के पास बचपन क्या बनकर आया?
उत्तर: कवियत्री के पास बचपन बेटी बनकर आया।
(छ) किसकी मंजुल मूर्ति देखकर कवियत्री में नव-जीवन जाग उठा?
उत्तर: अपनी बिटिया की मंजुल मूर्ति देखकर कवियत्री में नव-जीवन जाग उठा।
(ज) क्या तुम्हें भी बचपन प्रिय है?
उत्तर: हांँ मुझे भी बचपन प्रिय है।