Chapter 4
दीवानों की हस्ती
कविता से
1. कवि ने अपने आने को ‘उल्लास’ और जाने को ‘आँसू बनकर बह जाना’ क्यों कहा है?
उत्तरः लेखक द्वारा सविनय अवज्ञा का उपयोग बस की जीर्ण-शीर्ण और जीर्ण-शीर्ण स्थिति के बावजूद उसकी आवाजाही या संचालन को संदर्भित करने के लिए किया गया है। यह आंदोलन 1930 में ब्रिटिश सरकार के आदेशों की अवहेलना के लिए किया गया था। 12 मार्च 1930 को दांडी मार्च कर नमक कानून तोड़ा गया। अंग्रेजों की दमनकारी नीति के विरुद्ध भारतीय जनता विनम्र संघर्ष के लिए आगे बढ़ती रही। यह खटारा बस भी जर्जर होने के बावजूद चल रही थी।
2. भिखमंगों की दुनिया में बेरोक प्यार लुटानेवाला कवि ऐसा क्यों कहता है कि वह अपने हृदय पर असफलता का एक निशान भार की तरह लेकर जा रहा है? क्या वह निराश है या प्रसन्न है?
उत्तरः यहाँ भिखारियों की दुनिया से कवि का तात्पर्य यह है कि यह दुनिया केवल लेना जानती है, देना नहीं। कवि ने भी इस दुनिया को प्यार दिया, लेकिन बदले में उन्हें वह प्यार नहीं मिला जिसकी उन्हें उम्मीद थी। कवि के लिए यह उसकी असफलता है. इसलिए वह असफलता का दाग अपने दिल पर बोझ की तरह ढो रहा है। इसलिए, कवि निराश है, वह समझता है कि लोगों के जीवन में प्यार और खुशी भरने में असफल रहे।
3. कविता में ऐसी कौन-सी बात है जो आपको सबसे अच्छी लगी?
उत्तरः कविता में सबसे अच्छी बात कवि का जीवन जीने का तरीका है। वह हर हाल में खुश रहना चाहता है और सभी को प्यार देकर खुश रखना चाहता है। ऐसा व्यक्ति विषम परिस्थितियों में भी खुश रहना जानता है।
कविता से आगे
- जीवन में मस्ती होनी चाहिए, लेकिन कंब मस्ती हानिकारक हो सकती है? सहपाठियों के बीच चर्चा कीजिए।
उत्तरः इस प्रश्न पर अपने सहपाठियों से चर्चा करें। उदाहरण के लिए, यदि हमें और दूसरों को मौज-मस्ती से कुछ लाभ हो रहा है, कुछ अच्छा मिल रहा है, तो मौज-मस्ती होनी चाहिए। लेकिन जब मौज-मस्ती ही नुकसानदेह है तो मौज-मस्ती अपने लिए और दूसरों के लिए भी नुकसानदेह है।
अनुमान और कल्पना
- एक पंक्ति में कवि ने यह कहकर अपने अस्तित्व को नकारा है कि “हम दीवानों की क्या हस्ती, हैं आज यहाँ, कल वहाँ चले।” दूसरी पंक्ति में उसने यह कहकर अपने अस्तित्व को महत्त्व दिया है कि “मस्ती का आलम साथ चला, हम धूल उड़ाते जहाँ चले।” यह फाकामस्ती का उदाहरण है। अभाव में भी खुश रहना फाकामस्ती कही जाती है। कविता में इस प्रकार की अन्य पंक्तियाँ भी हैं उन्हें ध्यानपूर्वक पढ़िए और अनुमान लगाइए कि कविता में परस्पर विरोधी बातें क्यों की गई हैं?
उत्तरः