Chapter 3
कठपुतली
कविता से
1. कठपुतली को गुस्सा क्योँ आया ?
Answer
2. कठपुतली को अपने पाँवो पर खड़ी होने की इच्छा हैं , लेकिन वह क्ये नही खड़ी होती ?
Answer
3. पहली कठपुतली की बात दुसरी कठपुतली को क्यो अच्छी लगी ?
Answer
4. पहली कठपुतली ने स्वयं कहा कि ‘ क्यो हैं मेरे पीछे-आगे ? इन्हे तोड़ दो ? मुझे मेरे पाँवो पर पर छोड़ दो । ”, तो फिर वह चिंतिन क्यो हुुइ कि — ये केसी इच्छा | मेरे मन मे जगी ? नीचे दिए वाक्यो की सहायता से अपने बिचार व्यक्त कीजिए —
- उसे दुसरी कठपुतलियो की जिम्मेदारी महसुस होने लगी ।
Answer
- उसे शीघ्र स्वतत्र होने की चिंता होने लगी ।
Answer
- वह स्वतंत्रता की इच्छा को साकार करने और स्वंतत्रता को हमेशा बनाए रखने के उपाय सोचने लगी ।
Answer
- वह डर गई, क्योकि उसकी उम्र कम थी ।
Answer
कविता से आगे
1. ‘ बहुत दिन हुए ? हमें अपने मन के छंद छुए ।’ इस पंक्ति का अर्थ और क्या हो सकता हैं । अगलै पृष्ठ पर दिए हुए वाक्यो की सहायता से सीखिए और अर्थ लिखिए —
क) बहुत दिन हो गए, मन में कोई उमंग नही आई ।
Answer
ख) बहुत दिन हो गए, मन के भीतर कविता भी कोई बात नही उठी, जिसमै छंद हो, लय हो ।
Answer
ग) बहुत दिन हो गए, गाने-गुनगुनाने का मन नही हुआ ।
Answer
घ) बहुत दिन हो गए, मन का दुख दुर नही हुआ और न मन मे खुशी आई ।
Answer
2. नीचे दो स्वतंत्रता आंदोलनो के बर्ण दिए गए है. इन दोनो आंदोलनो के दो दो स्वतंन्रता सेनानियों के नाम लिखिए —
क) सन 1967 ———–
Answer
ख) सन 1942 ———–
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अनुमान और कल्पना
1. स्वंनत्र होने की लड़ाई कठपुतलियों कैसे लड़ी होगी और स्वंतन्र होने कै बाद स्वावलंबी होने के लिए क्या-क्या प्रयत्न किए होंगे ? य़दि उन्हे फिर से धागे मे बांधकर नचाने के प्रयास हुए होंगे तब उन्होने अपनी रक्षा किस नरह के उपायों से को होसी ?
Answer
भाषा की बात
1. कई बार जब दो शब्द आपसे जुड़ते हैं तो उनके मुल रुप मे परिवर्तन हो जाता हैं । कठपुतली शब्द मे भी इस प्रकार का सामान्य परिवर्तन हुआ हैं । जब काठ और पुतली दो शब्द एक साथ हुए कठपुतली शब्द बन गया और इसमे बोलने मे सरलता आ गई । इस प्रकार के कुछ शब्द बनाइए
जैसे-काठ ( कठ ) से बना -कठगुलाब, कठफोड़ा
हाथ- हथ
Answer
सोना-सोन
Answer
मिट्टी -मट
Answer
2. कबिता की भाषा मे लय या तालमेल बनाने के लिए प्रचलित शब्द और वाक्यो मे बदलाव होता हैं । जैसे-आगे-पीछे अधिक प्रचलित की जोड़ी हैं लेकिन कविता मे पीछे-आगे ‘का प्रयोग हुआ हैं । यहाँ ‘ आगे ‘ के बोली ये धागे ‘से ध्वनि का तालमेल हैं । इस प्रकार के षब्द की जोड़ियो मे आप भी परिवर्तन कीजिए-दुबला-पतला, इधर-उधर, उपर-नीचे, गोरा-काला, लाल-पीला आदि ।
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