. नीचे लेबर चौक पर आने वाले मज़दूरों की ज़िंदगी का विवरण दिया गया है। इसे पढ़िए और आपस में चर्चा कीजिए कि लेबर चौक पर आने वाले मज़दूरों के जीवन की क्या स्थिति है?
उत्तरः
लेबर चौक पर जो मज़दूर रहते हैं उनमें से ज़्यादातर अपने रहने की स्थायी व्यवस्था नहीं कर पाते और इसलिए वे चौक के पास फ़ुटपाथ पर सोते हैं या फिर पास के रात्रि विश्राम गृह (रैन बसेरा ) में रहते हैं। इसे नगरनिगम चलाता है और इसमें छः रुपया एक बिस्तर का प्रतिदिन किराया देना पड़ता है। सामान की सुरक्षा का कोई इतंज़ाम न रहने के कारण वे वहाँ के चाय या पान-बीड़ी वालों की दुकानों को बैंक के रूप में इस्तेमाल करते हैं। उनके पास वे पैसा जमा करते हैं और उनसे उधार भी लेते हैं। वे अपने औज़ारों को रात में उनके पास हिफ़ाजत के लिए छोड़ देते हैं। दुकानदार मज़दुरों के सामान की सुरक्षा के साथ ज़रूरत पड़ने पर उन्हें कर्ज़ भी देते हैं।
स्रोत— हिन्दू ऑन ्दू लाइन, अमन सेठी
2. निम्नलिखित तालिका को पूरा कीजिए और उनका काम किस तरह से अलग है इसका वर्णन कीजिए।
3. एक स्थायी और नियमित नौकरी अनियमित काम से किस तरह अलग है?
उत्तरः
4. सुधा को अपने वेतन के अलावा और कौन-से लाभ मिलते हैं?
उत्तरः
5. नीचे दी गई तालिका में अपने परिचित बाज़ार की दुकानों या दफ़्तरों के नाम भरें कि वे किस प्रकार की चीज़ें या सेवाएँ मुहैया कराते हैं?