‘बी-बारगी’ लक्ष्मीनाथ बेजबारुआ की कलाकृतियों में से एक है। एक दिन एक सौदा कवि के सामने वाले यार्ड में वीणा बज रहा है। कवि का कहना है कि वीणा की भाषा समझ में नहीं आती है। इसलिए वह बारगी से यह भी पूछता है कि बारगिजन कहाँ से है, घर कहाँ है। कवि को बारगी के दुखों को सुनने में कोई दिलचस्पी नहीं है। वह सीता के दुःख की कहानी नहीं सुनना चाहता। इसलिए, कवि के दुःख के महत्व को समझना महत्वपूर्ण है। कवि अपनी पत्नी दमौती की पत्नी दमायती की प्यारी भिमाकन्या, नाला की प्यारी पत्नी के दिल दहला देने वाले दर्द को नहीं सुनना चाहता है। कवि ने बारगी को पंच पांडवों की पत्नी द्रौपदी और सत-जिमती के बारे में बात करने के लिए मना किया।
Language -(Hindi)