उत्तर: प्रत्येक जीव को विभिन्न पोषक तत्वों (जैसे कार्बन, नाइट्रोजन, फास्फोरस, कैल्शियम, आदि) की निरंतर आपूर्ति की आवश्यकता होती है ताकि शरीर के विभिन्न कार्यों को विकसित, पुन: उत्पन्न और विनियमित किया जा सके। इन पोषक तत्वों की मात्रा पारिस्थितिकी तंत्र से पारिस्थितिकी तंत्र में और एक पारिस्थितिकी तंत्र में एक मौसम से दूसरे मौसम में भी भिन्न होती है। किसी भी समय मिट्टी में मौजूद पोषक तत्वों की मात्रा को स्थायी अवस्था कहा जाता है। एक पारिस्थितिकी तंत्र में, इन पोषक तत्वों को विभिन्न तरीकों से बार-बार पुनर्नवीनीकरण किया जाता है और उत्पादकों को उपलब्ध कराया जाता है। इस प्रकार, एक पारिस्थितिकी तंत्र के विभिन्न घटकों के माध्यम से विभिन्न पोषक तत्वों के आंदोलन को पोषक तत्व चक्र (या जैव-रासायनिक चक्र भी) कहा जाता है। पोषक चक्र दो प्रकार के होते हैं-
(क) गैसीय पोषक चक्र (इस प्रकार के पोषक चक्र का भंडार वायुमंडल में मौजूद है)।
(ख) तलछटी पोषक चक्र (पृथ्वी की पपड़ी में स्थित इस प्रकार के पोषक चक्र का भंडार) गैसीय प्रकार के पोषक चक्रों का एक उदाहरण कार्बन चक्र है और तलछटी चक्रों का एक उदाहरण फास्फोरस चक्र है।