उत्तर: जैव विविधता हॉटस्पॉट पृथ्वी के जैविक रूप से सबसे समृद्ध और सबसे लुप्तप्राय स्थलीय पारिस्थितिक क्षेत्र हैं। इस प्रकार, एक ‘जैव विविधता हॉटस्पॉट’ जैव विविधता के एक महत्वपूर्ण भंडार के साथ एक जैव भौगोलिक क्षेत्र है जो मनुष्यों से खतरे में है। जैव विविधता हॉटस्पॉट की अवधारणा ‘नॉर्मन मायर्स द्वारा विकसित की गई थी।
दुनिया भर में ऐसे 34 हॉटस्पॉट हैं। इन 34 हॉटस्पॉट में से तीन (अर्थात् पश्चिमी घाट और श्रीलंका, हिमालय और पूर्वोत्तर भारत सहित भारत-म्यांमार) भारतीय उप-महाद्वीप में आते हैं। दुनिया के लगभग 60% पौधे, पक्षी, स्तनपायी, सरीसृप और उभयचर प्रजातियां (एंडेमिज़्म की बहुत उच्च डिग्री के साथ) इन 34 पारिस्थितिक क्षेत्रों में निवास करती हैं।
‘जैव विविधता हॉटस्पॉट’ के रूप में अर्हता प्राप्त करने के लिए, एक क्षेत्र को दो सख्त मानदंडों को पूरा करना होगा-
(i) इस क्षेत्र में स्थानिक के रूप में संवहनी पौधों की कम से कम 0.5% या 1,500 प्रजातियां होनी चाहिए और
(ii) इस क्षेत्र को अपनी प्राथमिक वनस्पति का कम से कम 70% खोना होगा।