उत्तर: स्व परागण एक फूल के एथर से दूसरे फूल के स्टिगम (एकलिंगी फूल के मामले में) तक पराग कणों का स्थानांतरण है, एक ही पौधे में या एंथर से उसी फूल के कलंक (उभयलिंगी फूलों में) तक।
स्व परागण के कुछ नुकसान हैं और इसलिए कुछ फूल आत्म परागण को रोकने के लिए विभिन्न रणनीति अपनाते हैं। ऐसी रणनीतियों के उदाहरणों में शामिल हैं-
(क) डायोसियस पौधों का निर्माण, जिसमें स्टैमेंस और कार्पेल अलग-अलग पौधों पर होते हैं। (यानी परागण को असंभव बनाने के लिए विभिन्न पौधों पर विभिन्न प्रकार के फूलों का उत्पादन)।
(ख) अलग-अलग पौधों में अपूर्ण फूलों की उपस्थिति (स्टैमेंस या कार्पल्स की कमी) डायोसियस पौधों में स्व परागण को रोकती है।
(ग) कतिपय पौधों में स्व-परागण को स्टेम और कार्पल्स की परिपक्वता के अलग-अलग समय द्वारा रोका जाता है, या स्टैमेंस और कार्पेल्स की संरचनात्मक व्यवस्था द्वारा रोका जाता है जो परागणक द्वारा परागकों को एक ही फूल के कलंक से रोकने में मदद करता है।