राज्य का सदियों पुराना एक समृद्ध सांस्कृतिक अतीत है। यह रास लीला का जन्मस्थान है – शास्त्रीय नृत्य का एक प्रसिद्ध रूप जिसे महाराजा भाग्यचंद्र द्वारा बनाया गया था। मणिपुर आधुनिक पोलो का जन्मस्थान भी है और स्थानीय लोग इस खेल को ‘सागोल कांगजेई’ कहते हैं।