आमतौर पर 12 साल से 18 साल तक की किशोरावस्था को ‘किशोरावस्था’ कहा जाता है। ‘किशोरावस्था’ शब्द लैटिन शब्द है।
‘किशोर’ शब्द से आया है। इसका अर्थ है ‘बढ़ना’ यानी वृद्धि। यह अवधि तेजी से शारीरिक विकास का समय है। इस दौरान शरीर के अंग बढ़ते और मजबूत बनते हैं। यौन ग्रंथियां सक्रिय होती हैं। बच्चों को प्रजनन क्षमता मिलती है। रिवर्स सेक्स इस समय की खास निशानी है। लड़कों में वीर्य, स्वप्न, आत्म-विस्फोट आदि की शक्ति होती है। लड़कियों को मासिक धर्म होता है। लड़कों को पुराण और लड़कियों को नारीत्व मिलता हैकरता है। मनोवैज्ञानिकों ने इस अवधि को जीवन का एक जटिल और महत्वपूर्ण काल बताया है। अमेरिकी विचारक स्टेनली होल (स्टेनली हॉल) किशोरावस्था को तूफान और उत्पीड़न (तूफान और तनाव) का समय कहते हैं। बच्चों के शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक, यौन जीवन के अनुभव ऐसे तूफान और कष्ट पैदा करते हैं। द अर्नेस्ट जोन्स) ने किशोरावस्था को बचपन का दोहराव कहा है। यानी बचपन की कुछ शारीरिक मानसिक विशेषताओं को इस स्तर पर दोहराते हुए देखा जाता है। किशोरावस्था को यौवन भी कहा जाता है।