अभ्यास की महिमा
1. उत्तर दो:
(क) बोपदेव कैसा बालक था?
उत्तर: बोपदेव एक मंदबुद्धि बालक था।
(ख) बोपदेव के सहपाठी उसे क्या कहकर चिढ़ाते थे?
उत्तर: बोपदेव के सहपाठी उसे बुद्धू और मूर्ख कहकर चिढ़ाते थे।
(ग) गुरुजी ने बोपदेव को कहा भेजने का निश्चय किया?
उत्तर: गुरुजी ने बोपदेव को गांँव भेजने का निश्चय किया।
2. कहानी को पढ़कर उत्तर लिखो:
(क) औरतें कुएँ पर क्या कर रही थी?
उत्तर: औरतें कुएँ से अपने घड़ों में पानी भर रही थी।
(ख) कुएँ की जगह पर गड्ढे कैसे बने थे?
उत्तर: कुएँ की जगह पर बार-बार घड़े रखने से गड्ढे बने थे।
(ग) बोपदेव पाठशाला क्यों लौट आया?
उत्तर: बोपदेव को ज्ञात हो चुका था कि जब मिट्टी के घड़े से पत्थर घिस सकता है, तो बार-बार अभ्यास करने से उसे विद्या क्यों नहीं मिल सकती। इस कारण वह अपने पाठशाला लौट आया।
(घ) बोपदेव बड़ा होकर क्या बना?
उत्तर: बोपदेव बड़ा होकर संस्कृत का एक प्रसिद्ध विद्वान बना।
3. ‘अभ्यास की महिमा’ कहानी तुम्हें कैसी लगी? इससे तुम्हें क्या सीख मिली?
उत्तर: ‘अभ्यास की महिमा’ कहानी मुझे बहुत अच्छी लगी। ‘अभ्यास की महिमा’ कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि लक्ष्य चाहे जितना भी कठिन क्यों न हो, अगर अभ्यास और लगन से काम करे तो उसे आसानी से हासिल किया जा सकता है।
4. लिखो:
(क) ‘ये गड्ढे किसने बनाए हैं?’किसने कहा?
उत्तर: बोपदेव ने कहा।किससे कहा?उत्तर: औरतों से कहा।
(ख) ‘ये गड्ढे हमने नहीं बनाए हैं?’किसने कहा?
उत्तर: औरतों ने कहा।किससे कहा?उत्तर: बोपदेव को कहा।
5. आओ, पढ़ें दोहराएंँ और लिखें:
(क)द+य=द्य – विद्या, गद्य, पद्य, विद्यापति
द+ध=द्ध – बुद्धि, बुद्धू, प्रसिद्ध, शुद्ध
द+व=द्व –विद्वान, द्वेष, द्वार, द्वीप
(ख)क्षमा=क+ष+अ+म+आ
कक्षा=क+अ+क+ष+आ
मित्र=म+इ+त+र+अ
पत्र=प+अ+त+र+अ
ज्ञान=ज+অ+आ+न+अ
यज्ञ=य+अ+ज+অ+अ
परिश्रम=प+अ+र+इ+श+र+अ+म+अ
विश्राम=व+इ+श+र+आ+म+अ
6. पढ़ो, समझो और लिखो:
उत्तर:
अरजन = अर्जुन
मूरख = मूर्ख
मरम = मर्म
धरम = धर्म
करम = कर्म
शरम = शर्म
7. नीचे दिए गए शब्दों के दो दो पर्यायवाची शब्द लिखो:[बालक, औरत, गुरु, घड़ा, पानी, प्रसिद्ध]
उत्तर:
बालक = लड़का, बेटा
औरत = स्त्री, महिला
गुरु = शिक्षक, आचार्य
घड़ा = मटका, कलश
पानी = जल, नीर
प्रसिद्ध = ख्याति, कीर्ति